चूँकि तारकशी लकड़ी पर की जाने वाली एक तरह की नक्काशी कला है जो धातु के तारो से की जाती है.
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बताते चलें कि प्राचीन काल से अहरौरा में एक हिंदू ने ताजिये में नक्काशी कला की नींव रखी, जिसे बेनी का ताजिया कहा जाता है।
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इनके अलावा मणिपाल के इंद्राणी मंदिर, कुम्ता के महाल्सा नारायण मंदिर, कोलार के सोमेश्र्वर मंदिर, शिराली के महागणपति महामाया मंदिर, अंकोला के आर्यदुर्ग मंदिर, गोकरण के महाबालेश्र्वर मंदिर में भी विजयनगर साम्राज्य द्वारा जुड़वाए गए उस दौर की मूर्तिकला एवं नक्काशी कला के सैकड़ों उदाहरण आज चमत्कृत करते हैं।